दिनभर हल्की गर्मी महसूस कराने वाले मौसम ने सोमवार देर रात अचानक करवट ली। गरज-चमक और तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश हुई। बड़े-बड़े ओले गिरे। सिर्फ एक घंटे में 19 मिलीलीटर बारिश हो गई, जबकि बरसात देर रात तक होती रही।
बरसात से गेहूं, सरसों, मटर की फसल को नुकसान हुआ है। बारिश से शहर के कई इलाकों में जलभराव हो गया। बारिश और तेज हवाओं को देखते हुए शहर की बिजली काट दी गई। बारिश रातभर लगातार होती है। बारिश के दौरान 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। इससे शहर में कई होर्डिंग गिर गए।
पानी के साथ बड़े-बड़े ओले गिरने से सड़क पर निकल रहे नागरिकों को बचने के लिए भागकर शेड ढूंढना पड़ा। मौसम विज्ञानी कैलाश पांडेय के मुताबिक राजस्थान में करीब 5000 फीट की ऊंचाई पर एक चक्रवाती हवाओं का सिस्टम विकसित हो गया था, जो राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड होते हुए पूर्वी उत्तर प्रदेश में पहुंचा है।
इस वजह से रात 10 बजे शहर एवं आसपास के इलाकों में तेज बारिश हुई। मौसम विज्ञानी के अनुसार सामान्य तौर पर फरवरी में 14 मिलीमीटर बारिश होती है। जबकि सोमवार को 19 मिलीमीटर से अधिक हुई है। बेतियाहाता, दाउदपुर और रुस्तमपुर के कई क्षेत्रों में जलभराव हो गया। गीडा, सहजनवां, बरगदवा, खोराबार सहित अन्य इलाकों में भी तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश हुई।
गुल हुई बिजली, ट्रांसफार्मर से निकली चिंगार
सोमवार रात करीब 10 बजे अचानक तेज हवा के साथ जोरदार बारिश और ओले गिरने से बिजली आपूर्ति ठप हो गई। वितरण खंड प्रथम समेत अन्य वितरण खंडों से जुड़े इलाकों में अंधेरा छा गया। गीडा में बारिश शुरू होते ही बिजली बंद कर दी गई। इसी बीच शहर में भी तेज बारिश शुरु होने से रुस्तमपुर, लालडिग्गी, टाउनहाल, मोहद्दीपुर, कूड़ाघाट, राप्ती नगर, समेत अन्य उपकेंद्र से जुडे फीडर की बिजली काट दी गई। वितरण खण्ड प्रथम के रुस्तमपुर उपकेंद्र में बारिश के पानी जमा हो गया। देर रात तक आपूर्ति चालू नहीं की गई थी। सिविल लाइन गोरखपुर क्लब के सामने लगा ट्रांसफार्मर में बारिश के बीच चिंगारी निकलने लगी। क्लब में आये लोगों ने जल्दी जल्दी अपने वाहन वहां से हटाए।