भारतीय टीम के स्टार क्रिकेटर प्रियम गर्ग के नेतृत्व वाली टीम ने मंगलवार को अंडर-19 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में पाकिस्तान को दस विकेट से हराकर बड़ी जीत हासिल की है। इस बीच प्रियम गर्ग के पिता नरेश गर्ग ने कहा कि बेटा फाइनल मैच जीतकर लौटेगा। आइए इस खुशी के मौके पर हम आपको प्रियम के संघर्ष की उस कहानी के बारे में बताते हैं जिसे शायद ही आप जानते हों
मूलरूप से मेरठ के किला परीक्षितगढ़ निवासी, प्रियम गर्ग महज आठ साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलने लगे थे। पिता नरेश गर्ग ने बताया कि गांव के स्कूली मैदान में वो दोस्तों के साथ क्रिकेट खेलने जाता था।
कुछ लोगों ने उन्हें बताया कि प्रियम बल्लेबाजी बहुत अच्छी करता है, उसकी प्रतिभा निखरे इसके लिये वह मेरठ में उसको क्रिकेट एकेडमी ज्वॉइन कराएं। लेकिन प्रियम के पिता नेरश गर्ग साईकिल से घर-घर जाकर दूध बेचकर आजीविका चलाते थे। उनके लिए यह मुश्किल था।
नरेश गर्ग ने बताया उनकी आर्थिक स्थिति सामान्य थी, न ही कोई मजबूत सोर्स था। जिससे वह अपने बेटे का एडमिशन मेरठ में करा सकें। गांव के लोगों ने हौसला बढ़ाया तो कुछ दिनों बाद पिता नरेश ने भामाशाह पार्क में कोच संजय रस्तोगी से मुलाकात की। कोच संजय रस्तोगी ने प्रियम की बल्लेबाजी देखी तो उन्हें उसके अंदर भविष्य का अच्छा क्रिकेटर नजर आया।
इसके बाद पिता नरेश गर्ग ने प्रियम को एकेडमी ज्वॉइन करा दी। फिर पिता ने बेटे प्रियम गर्ग को अच्छा क्रिकेटर बनाने के लिये दिन-रात मेहनत की। प्रतिदिन किला परीक्षितगढ़ से मेरठ भेजने और उसको वापस लाने की जिम्मेदारी भी बड़ी थी। क्योंकि 2009 में साधनों की कमी के चलते कई बार साइकिल से भी मेरठ आना पड़ता था।
2011 में मां का देहांत हो गया था। वह जीवन का सबसे कठिन पल था। उस समय क्रिकेट अभ्यास भी छोड़ना पड़ा। प्रियम बताते हैं कि उस समय घर की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। लेकिन कुछ दिनों के बाद पिता ने हौसला दिया। प्रियम के पिता नरेश गर्ग ने दूध बेचकर उसे क्रिकेटर बनाया। हालांकि मां कुसुम देवी चाहती थीं कि वह पढ़-लिखकर बड़ा अधिकारी बने। लेकिन प्रियम के अंदर क्रिकेटर बनने का जुनून सवार था
सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्श मानते हैं प्रियम
अंडर-19 वर्ल्डकप कप्तान बनने के बाद प्रियम ने सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्श बताया था। वहीं आईपीएल में नीलामी को लेकर प्रियम गर्ग से तो उन्होंने मुंबई टीम को अपना पसंदीदा बताया था। कहा सचिन तेंदुलकर से कुछ टिप्स लेने का मौका मिलने के लिये मुंबई इंडियंस टीम सबसे बेहतर होगी। लेकिन आईपीएल क्रिकेट का बहुत बड़ा मंच है, जहां टीम में शामिल होना ही बहुत बड़ी बात है। कई बड़े खिलाड़ियों को आईपीएल नीलामी में खरीदार नहीं मिलता है। ऐसे में यह उनके लिए गर्व की बात है।